निपाह वायरस मामले में अपनी पीठ ठोकी नड्डा ने

निपाह वायरस मामले में अपनी पीठ ठोकी नड्डा ने

सेहतराग टीम

केरल के कुछ हिस्‍सों में फैला निपाह वायरस भले ही अब तक राज्‍य और केंद्र सरकारों के साथ साथ आम जनता के लिए दहशत की वजह बना हो मगर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा इस मामले में अपनी पीठ ठोंकने से बाज नहीं आए। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्‍होंने दावा किया कि निपाह वायरस को लेकर भारत सरकार ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर तीव्र गति से कार्य किया। केंद्र सरकार की टीम प्रभावित इलाकों में जल्द पहुंच गई तथा राज्य सरकार की टीम ने भी केंद्र की टीम का सहयोग किया।

नड्डा ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में सभी व्यक्तियों की जांच की गई है। इस समस्या पर नजर रखी जा रही है। बीमारी के स्रोत से लेकर इसके फैलने तक नजर रखी जा रही है। साथ ही जरूरी दवाइयां भी दी गई हैं।

केंद्रीय मंत्री का यह भी दावा है कि इस वायरस का प्रसार प्राकृतिक कारणों से हुआ है तथा मानव निर्मित नहीं है। केंद्र सरकार को जैसे ही निपाह वायरस के बारे में जानकारी मिली, स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान पुणे के विशेषज्ञ और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र दिल्ली के विशेषज्ञ सक्रिय हो गए तथा इस बीमारी के रोकथाम के उपाए किए। उन्‍होंने कहा कि निपाह वायरस को लेकर नजर रखी जा रही है तथा इससे डरने की नहीं ​बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार के चार वर्ष पूरे होने के मौके पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस निपाह वायरस को लेकर केंद्र सरकार नजर रखे हुए है। इससे घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।

मंत्री ने कहा कि जनता को जागरूक किया जाना चाहिए कि वह प्रकृति से छेड़छाड़ न कर क्‍योंकि इस तरह की घटनाएं प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा हैं। नड्डा ने केंद्र सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल को लेकर कहा कि बीते चार वर्ष में देश में लगातार विकास के काम हुए हैं। देश में गांव, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है।
उन्‍होंने देश में स्वास्थ्य सुविधा के लिए किए गए कामों को लेकर कहा कि सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त दवाइयों और जांच की सुविधा भारत सरकार ने दी है। उन्होंने कहा कि हमें जेनरिक दवाइयों की तरफ बढ़ना है तथा इसे लेकर लोगों को जागरूक करना है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने मॉडल कोड ऑफ क्लीनिकल ​इस्टेब्लिशमेंट एक्ट बनाया है। सभी राज्य इसे लागू करें और कोई भी निजी संस्थान अनियमित नहीं होना चाहिए। दवाइयों के दामों पर नियंत्रण को लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत सरकार चिंतित है तथा नए प्रावधान किए जा रहे हैं।

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